सोमवार, 13 फ़रवरी 2017

आखिरी हंसी

एक अदब सी चाह है
तुझे पाने की |
एक शौक है
तुझे दिल में रखने का |
पता नहीं
किस ओर मुड़ गया है
मेरे ख्वाबों का पन्ना |
दिल बस में नहीं
और चेहरा बन चुका है
किसी के यादों का आईना |
आंसू रुकते नहीं
यादें जाती नहीं
और भूल चुका हूँ मैं
आखिरी हंसी कब निकली थी |
तेरी बातें, तेरी हंसी,
तेरी खुशी में ही मेरी खुशी |
अलविदा कहने की आदत
तेरे चले जाने से बनी |

कोई टिप्पणी नहीं: