रविवार, 12 अक्तूबर 2014

शहर --- एक परिचय

जब मैंने चलना सीखा !
जब मैंने लड़ना सीखा !!
जब मैंने खुद को संभाला !
जब मैंने खुद को जाना !!
जब लोग कहा ये करते थे !
अब तक तुम क्यों ऐसे थे ?
मैं बस सुनता रहता था !
दिन-रात ये सोचा करता था !!
जब मैं पहले आया था !
हर वक़्त खुश रहा करता था !!
लोग मुझसे मिलते थे !
मुझमे दिलचस्पी रखते थे !!
मुसाफिर का रहता था ताना-बाना
राहगीर भी ये कहा करते थे !
तू है नया, तू है अलग
तुझमे है एक अलग झलक !
खुद आते, दोस्तों को भी लाते
उसको ये बताते-----
मैंने एक ऐसा शहर देखा
नए रिश्तों का चहल-पहल देखा !!
बच्चे, बूढ़े और नौजवान
जो बनाना चाहते हैं अपना पहचान !
भरना चाहते हैं एक नई उड़ान !
पर जब समय बदला
लोग बदले, बदल गया हमारा रिश्ता !
अब सब हो गए हैं खुद में मग्न
नहीं पहचानते हैं वो हमें
हम भी नहीं जानते उन्हें अब !
वो करना चाहते हैं मुझे सबसे अलग
बदल देना चाहते हैं मेरी पहचान !
मेरी खो चुकी है मुस्कान !
कहते हैं लोग अब सबसे
तेरे सिवा कोई और नहीं
तेरा मैं होना चाहता हूँ !
पर मैं हूँ ऐसी
कुछ कह नहीं सकती !
सुनने के सिवा कुछ कर नहीं सकती !
समयानुसार मुझे बदल दिया !
अब मुझे क्यों खोज रहे हो ?
मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है
जो मुझे कोष रहे हो !
 

शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2014

शहरों की मंज़िल

कैसा है ये सहर
क्यों कोई जाने न ?
कैसा है ये डर
क्यों कोई बतलाये न ?
हर पल हर दम
मैं ये सोचता हूँ !
बारिश की बूंदों को
जब मैं देखता हूँ !
मुझको ऐसा जाने क्यों लगता है !
मन में हमेशा डर क्यों रहता है !
खिलखिलाती धूप की रौशनी
तो दिखती है
पर दिल की रौशनी
अभी भी चारो तरफ
नहीं फैली है !
हादसा तो अभी तक
ख़त्म हुआ नहीं !
दिन-रात तो मुश्किलें तो मिलती हैं
लेकिन मुश्किलों से मैं डरा नहीं !
मंज़िलें आसां हैं
डर एक नया है
पूछूँ मैं कैसे
क्या दिल कह रहा है ?
लोगों से सुनता हूँ
मैं दिल से बड़ा हूँ
क्यों मुझे ऐसा लगता है
मैं पीछे खड़ा हूँ !

शनिवार, 4 अक्तूबर 2014

जाग जाओ मित्र

यूँ देर तक मैं सोया हुआ था
तभी किसी ने आकर मुझसे कहा ---
उठ जाओ ! नया सवेरा देखो,
नयी मंज़िल देखो
तुम्हारा इंतज़ार ख़त्म हुआ !
मैंने जब उठ कर देखा तो
कई सारी नयी राह दिख रही थी !
मुझे लगा अब जाग जाना चाहिए
अब आगे बढ़ना चाहिए !
मैं कोशिश करके जब आगे बढ़ा
तो देखा कई मित्र
बहुत आगे बढ़ चुके हैं !
मैंने सोचा अब अकेले ही
आगे बढ़ना चाहिए
और उनके साथ जाना चाहिए !