शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012

कुछ तो बता

लहरों की छाया है ये
तूफानी रात है!
कैसे-कैसे मिलते हैं
ना बनती कोई बात है!

कैसे ढूंढूं उसे मैं
कहाँ वो खो गयी!
क्यों नहीं मिलती मुझे
किसकी वो हो गयी!

कहना ये बस ये तुझे
बतला दे ये तू मुझे!
चाहती हो क्या मुझे
खोना नहीं चाहता तुझे!  

गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

कहाँ हो तुम?

हर घडी तेरा ही इंतज़ार ही रहता है!
हर घडी तुझसे बातें करने को दिल करता है!
हर घडी मेरे दिल में तेरी ही मुसुकूराहत रहती है!
हर घड़ी याद बस तेरी आती है!

हर घडी ख्याल बस तेरा ही आता है!
हर घडी मुस्कान तेरी ही याद ही दिलाती आती है!
हर तेरे ही सोच में डूबा रहता हूँ!
हर घडी प्यार बस तुझ पर ही आता है!    

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

परछाईयाँ तेरी......कहाँ खो गई

क्या है प्यार, जो हम न कर सके
तेरे लिए ना जी पाए, और ना मर कर सके!
खुद में डूबे इस तरह, की तुझे ना समझ सके
तेरे लिए ना जी पाए, और ना मर सके!

जानना चाहता था तुझे मैं,बहुत अच्छी तरह
लेकिन ये हो ना सका!
देने चला था प्यार मैं, तुझे खूब सारा
लेकिन ये हो ना सका!

खुद में डूब गए, तुझे ना देख सके!
तेरे लिए  ना जी पाए, और ना मर सके!

तेरे एक प्यार के लिए, तरस गया था मैं!
तुझे जानना चाहता था, मैं करीब से
लेकिन बहुत दूर चला हो गया था मैं!

जो कभी हम ना सोच पाए, वो अब हैं हम आर रहे!
तेरे लिए ना जी पाए, और ना मर सके!