शनिवार, 3 दिसंबर 2011

वो कौन है?

है कौन वो मेरे मन में, जिसे मैं  पहचान ना पाया?
है कौन वो मेरे दिल में, जिसे मैं जान ना पाया?
है कौन वो जिसके लिए, मेरे सपने हैं अधूरे?
है कौन वो जिसके कारण, मेरे मन की इच्छा रह जाते हैं अधूरे?

है कौन वो जिसके लिए तड़प रहा हूँ मैं?
है कौन वो जिसके लिए बैचैन रहता हूँ मैं?
है कौन वो जिसे ढूँढ नहीं पा रहा हूँ मैं?
है कौन जिससे दूर चला गया हूँ मैं?

है कौन वो जिसके लिए मेरे दिल में है उसकी जगह बनी?
है कौन वो जिसके लिए मेरी साड़ी तन्हाइयां पड़ी?
है कौन वो जिसे कुछ कहना छह रहा हूँ मैं?
है कौन वो जिसके काफी करीब खड़ा हूँ मैं?













शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

दिल क्या चाहता है?

कुछ कहने को दिल चाहता है
लेकिन कह नहीं पता है!
कुछ कहने को दिल करता है मेरा
लेकिन कहने से दिल घबरा जाता है!

न जाने किस आवाज़ की गूंज सुनने को बेताब है ये दिल!
न जाने किस आवाज़ की तलाश कर रहा है ये दिल!
वो प्यार ही क्या जो हम समझ नहीं पायें
जो प्यार हमारा दिल किया करता है!

खूबसूरती जो देखी है मैंने, वो खुबसूरत पल आएगा कब!
जो खूबसूरती चाहिए मुझे, वो खुबसूरत मिला न कोई अब तक!















गुरुवार, 5 मई 2011

ना कहो अलविदा......

ज़िन्दगी एक चलती गाडी है
जिसमे हम सब साथ चलते हैं!
बीच रास्ते में हमें छोड़ मत देना!
हमें कभी अलविदा मत कहना!

तुमसे है ज़माना, तुम ज़माने से नहीं
तुमने संवारा है जिंदगी को, ज़िन्दगी ने नहीं संवारा तुम्हें!
इसे कभी मत भूलना
हमें कभी अलविदा मत कहना!

जानते हैं हम, कभी ख़ुशी कभी गम तुम ज़रूर दोगे
ज़िन्दगी के इस तूफान में तुम मेरा साथ नहीं छोड़ोगे!
मैंने भी है ये जाना, उम भी इसे ज़रूर जन लेना!
लेकिन कभी हमें अलविदा मत कहना!

बुधवार, 6 अप्रैल 2011

ऐ बेखबर...

ज़िन्दगी एक दोस्त थी
 दोस्त बनकर न रही!
ज़िन्दगी एक किताब थी
जिसकी मैंने केवल
एक-दो पन्ने पढ़ी!
ज़िन्दगी के इस खेल में
मैंने ऐसा किया
जिससे मेरी दुश्मनी हो गयी!    




गुरुवार, 31 मार्च 2011

विश्व कप हमारा है

नए जोश के साथ उतरे हैं
हम अपने खेल मैदान पर!
चोकों-छक्कों की बरसात करने
हम आये हैं आपकी मुस्कान पर!
हममे नया विश्वाश जगा है!
हममे नया जोश भरा है!
हमे आपका भरोसा मिला है!
हमे आपका प्यार मिला है!
हममे नया उत्साह जगा है!
हममे नया आत्मविश्वाश भरा है!
हमने ठानी उस कप को पाने की
जिसका इंतजार आप वर्षों से कर हैं!
हमने ठानी है उस कप को पाने की
जिसे कई देशो ने सोची है अपने पास लाने की!
हम हैं वो जवान
जो सीमा पर जाकर
दुश्मनों को मारते हैं!
हम हैं वो पहचान
जो आपके साथ
कदम मिलाकर चलते हैं!
फिर से खेलेंगे
फिर से जीतेंगे
विश्व कप हमारा है! 

शनिवार, 8 जनवरी 2011

एक अजीब-सा एहसास

एहसास
किसी अजनबी का!
एहसास
एक ज़िन्दगी का!
एहसास
एक दोस्त का!
एहसास
मेरे अपने का!
एहसास
हर पल का!
एहसास
तुमसे मिलने का!
एहसास
वो चीज़ है

जो कभी भी हो सकती है!