बुधवार, 9 मई 2012

सुकून मिला

शुरू हुई खुशियाँ मेरी!
जब मिल गयी मुझे चाहत मेरी!
दिल मेरा है कह रहा
जो दिख रही, है वही गलियां तेरी!

कैसा प्यार, कैसा जूनून,
कैसा है इश्क, कैसा है सुकून!
जो नाम दिल पर लिख दिया 
है वही मेरी इश्क का जूनून!

जब दिल से कहते हैं लोग
तो क्या कह रहे, ज़रा सुन भी लो!
है मेरे दिल का रास्ता 
यहीं से ज़रा तुम खोल दो!

बुधवार, 2 मई 2012

बिछड़ गए

शाम ढलती नजर आ रही है!
रात कैसे बिताएंगे!
दिन तो कट जाता मगर 
दिल को कैसे बतलायेंगे!

खुद तो मज़े में जी रहे हैं 
लेकिन उन्हें कैसे भूलाएँगे!
वो सामने नहीं लेकिन 
उन्हें याद हम जरूर आयेंगे!

गम में उनके जीए जा रहे थे 
ख़ुशी उनकी कैसे मनाएंगे!
उनका साया मुझसे दूर लेकिन 
उनकी याद को कैसे दूर भगायेंगे!

वो तद्पाते थे हमे ज्यादा 
वो हमें कैसे भूल पाएंगे!
भूल गए हमें लेकिन
हमसे दूर नहीं जा पाएंगे!

सोमवार, 19 मार्च 2012

अगर साथ दे तू मेरा......

बिछड़े हुए हैं कई मेरे
जाने कहाँ मिल पाएगा!
अगर साथ दे तू मेरा
दिल उसे ढूंढ लाएगा!

तूने साथ छोड़ा मेरा
मंजिल अब नज़र कैसे आएगा!
अगर साथ दे तू मेरा
दिल उसे ढूंढ लाएगा!

दिल ने जाने क्या कर दिया
अब मेरा कुछ न हो पाएगा!
अगर साथ दे तू मेरा
दिल उसे ढूंढ लाएगा!

जिसे मैं खोज रहा था अब तक
प्यार उसे दिल न दे पाएगा!
अगर साथ दे तू मेरा
दिल उसे ढूंढ लाएगा!
 
  

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012

कुछ तो बता

लहरों की छाया है ये
तूफानी रात है!
कैसे-कैसे मिलते हैं
ना बनती कोई बात है!

कैसे ढूंढूं उसे मैं
कहाँ वो खो गयी!
क्यों नहीं मिलती मुझे
किसकी वो हो गयी!

कहना ये बस ये तुझे
बतला दे ये तू मुझे!
चाहती हो क्या मुझे
खोना नहीं चाहता तुझे!  

गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

कहाँ हो तुम?

हर घडी तेरा ही इंतज़ार ही रहता है!
हर घडी तुझसे बातें करने को दिल करता है!
हर घडी मेरे दिल में तेरी ही मुसुकूराहत रहती है!
हर घड़ी याद बस तेरी आती है!

हर घडी ख्याल बस तेरा ही आता है!
हर घडी मुस्कान तेरी ही याद ही दिलाती आती है!
हर तेरे ही सोच में डूबा रहता हूँ!
हर घडी प्यार बस तुझ पर ही आता है!    

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

परछाईयाँ तेरी......कहाँ खो गई

क्या है प्यार, जो हम न कर सके
तेरे लिए ना जी पाए, और ना मर कर सके!
खुद में डूबे इस तरह, की तुझे ना समझ सके
तेरे लिए ना जी पाए, और ना मर सके!

जानना चाहता था तुझे मैं,बहुत अच्छी तरह
लेकिन ये हो ना सका!
देने चला था प्यार मैं, तुझे खूब सारा
लेकिन ये हो ना सका!

खुद में डूब गए, तुझे ना देख सके!
तेरे लिए  ना जी पाए, और ना मर सके!

तेरे एक प्यार के लिए, तरस गया था मैं!
तुझे जानना चाहता था, मैं करीब से
लेकिन बहुत दूर चला हो गया था मैं!

जो कभी हम ना सोच पाए, वो अब हैं हम आर रहे!
तेरे लिए ना जी पाए, और ना मर सके!