गुरुवार, 9 अप्रैल 2015

मधुर प्रेम


उनके लबों पर जाने किसका नाम था
लेकिन मेरे दिल में सिर्फ उनका नाम था
जब भी सोचता हूँ, उनको ही सोचता हूँ
जब भी याद आती है, उनकी ही याद आती है
क्योंकि प्रेम किसी संकेत के साथ नहीं होता है
प्रेम किसी आधार पर नहीं होता है
प्रेम वो रस है जिसका स्वाद हर कोई लेना चाहता है
प्रेम के बिना ज़िंदगी अधूरी है
प्रेम दोस्ती में भी होता है
प्रेम सम्बन्धों, परिवार जनों से भी होता है
मैंने भी प्रेम किया है उनसे
जिन्हें जानता हूँ, जिन्हें पहचानता हूँ
क्योंकि अगर आप ज़िंदगी खुशी से जीना चाहते हैं
तो ज़िंदगी में प्रेम लाएँ
नहीं तो आप नकारात्मक सोच के साथ जीने लगेंगे
जो आप और हम नहीं चाहते हैं

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