आज हमारी दुआ दिल से कुबूल हुई
जो चाहा था खुदा से, वो खुशी मिली ।
अब मुझे जानने चार यार मिले
पूछते हैं हमेशा, कैसी चल रही जिंदगी ।
मैं सवार हुआ उस कश्ती में
जो मेरे लिए थी बिल्कुल नई ।
जो जान चुके थे, परख चुके थे
वो संभाल रहे थे किसी दूसरे छोर से ही ।
मैं ठहरा बेचारा, चल दिया जैसे आवारा
वो कहते रहे, मैं सोचता रहा
क्या डूब जाएगी कश्ती रास्ते में ही ?
पर हौसला बढ़ा, दिल में फैसला हुआ
मैं आगे चला, मन में सोचता चला
अब मुझे रुकना नहीं
चाहे रुकावटें मिले कैसी भी ।