सोमवार, 30 मई 2016

सांझ-सवेरा

मेरी हंसी, मेरी खुशी तुम हो|
मेरी आदत, मेरी चाहत तुम हो|
मेरे अंधेरे की रौशनी तुम हो|
मेरी मुस्कान की चांदनी तुम हो|
मेरे लबों की आवाज तुम हो|
मेरे गुमशुमपन का राज तुम हो|
मैं अगर जिन्दा हूँ तो जिंदगी तुम हो|
मैं अगर दिल हूँ तो दिल्लगी तुम हो|
मैं अगर रूठा हूँ तो मना तुम लेना|
मैं अगर गम में हूँ तो खुशी तुम देना|
मैं अगर चला जाऊँ तो रोक तुम लेना|
मैं अगर चुप हूँ तो बोल तुम देना|
मेरी हिम्मत, मेरी ताकत तुम बनना|
मेरी हर जीत की खुशी तुम बनना|
मैं अगर खो जाऊँ तो पास तुम रहना|
मैं अगर दूर रहूँ तो एहसास तुम रहना|
मेरे हर नजर का नजरिया तुम बनना|
मेरी हर खुशी का जरिया तुम बनना|

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