रविवार, 29 मई 2016

आने वाला पल

जिन्दगी के सफर में
रोज नया तूफान खरा |
तू क्या सोच रहा है
कुछ आगे करके दिखा |

ये पल बीत जाएगा
ये कल कभी न आएगा |
जो बीत गया वो बीत गया
कुछ करने की सोच जरा |

तुमने जो किया अब तक
उसे अपने सोच से हटा दे |
तेरे साथ क्या होगा अब
ये सबको तू बता दे |

तेरी जब कभी ये
ज़िन्दगी बर्बाद होगी |
तु मौत का मुंह का देखेगा
तेरी जब वो हाल होगी |

लंबा सफर तय करना है तूझे
अभी कहीं नहीं पहुँचा है |
इस सफर का अंत ना होगा
तू क्या सोच रहा है |

तेरी स्थिति ठीक नहीं है
कुछ समय के लिए |
इस पल को बर्बाद ना कर
आने वाले समय के लिए |

आने वाले कुछ समय में
लोग बदल जब जायेंगे |
आने वाले पल को जब
लोग समझ ना पाएंगे |

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