सोमवार, 27 जनवरी 2014

कहाँ वो चले गए ?

एक हसरत थी  दिल में !
उनसे मिलने कि  चाहत थी मन में !
वो एक प्यारे दोस्त बनकर
आये थे मेरे ज़िन्दगी में !
रूठ कर चले गए
वो मुझसे ऐसे !
अब बताऊँ भी तो उन्हें कैसे ?
उन्हें ढूंढ़ने चला था
यादों कि गलियों में !
पूछने चला था
फूलों कि कलियों से!
वो मिल जाएं
तो बता देना हमें !
दिल ढूंढ रहा है उन्हें
कुछ दिनों से !
याद आती है जब उनकी,
पानी आ जाता है
हमारी आँखों में !
दिल भर आता है
उनकी बातें सोचकर,
जब मैं उन्हें देखता हूँ
उनकी तस्वीरों में !
हर पल मैं गम सहता हूँ !
अब मैं बस यही कहता हूँ ---
" चाहत हो किसी को पाने कि,
मुस्कुरा लेना एक बार दिल से !
मिल जाये अगर वो कहीं,
तो अपना बना लेना
उन्हें हँसते-हँसते !"

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