हैं जब कभी बढ़ते हुए!
ज़िन्दगी के दो कदम
हैं कभी-कभी मिलते हुए!
ज़िन्दगी के दो कदम
हैं जब पास आते हुए!
ज़िन्दगी के दो कदम
हैं सदा मुस्कुराते हुए!
ज़िन्दगी ने देख लिया
जब मुझे रोते हुए!
पूछ लिया उसने मुझसे
क्या हुआ है अब तुझे?
ज़िन्दगी के दो कदम
की क्या सुनाऊं दास्ताँ?
ज़िन्दगी के दो कदम
से क्यूँ हैं हम भागते हुए!
1 टिप्पणी:
... behatreen !!!
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