वो वाल्मीकि, रहीम, तुलसी, कबीर
वो साईं साधु संत फकीर।
वो नेहरू, गांधी, बल्लभ, भीम
वो हर क्षण चौकसी करते वीर धीर।
वो गंगा, यमुना, सरयु की धारा
वो बागमती, गोमती की पुकार सुन जरा।
वो मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारा
वो सबका मालिक एक ही यारा।
वो अजान, पूजन, अरदास, प्रार्थना
हर जनमानस की एक ही याचना।
वो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
हर धर्मरक्षक की बस एक ही लड़ाई।
वो नेता, अभिनेता या हो श्रोता
हर किसी के चेहरे पर बसा है मुखौटा।
वो दिनकर, बच्चन या हो निराला
हर मौन सिपाही के हाथ में होता है शब्दों का मधुशाला।
वो फाल्के, मिल्खा या हो अटल
वो सिनेमा, खेल और राजनीति में रहे हैं प्रबल।
क्या उत्तर, क्या दक्षिण, क्या पूरब, क्या पश्चिम
हर भूभाग में है कई ऐतिहासिक पंछी।
वो वर्दी सिपाही की हो या हो फौजी की वर्दी
वो जान पर खेलने वाले होते हैं जांबाज खिलाड़ी।
यहां हर मोड़ पर बदलती है वाणी और पानी
यहां खाने, गाने से लेकर हर चीज में है कहानी।
2 टिप्पणियां:
Sooo nice it is
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ।
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