शुक्रवार, 17 जून 2016

दिखावे की खुशी

ये हसरत, ये चाहत |
ये आदत, ये मोहब्बत |
ये अक्सर उन गलियों की
मंद-मंद मुस्कुराहट |

ये राहों पर मिलना |
ये मिल कर बिछड़ना |
जब फिर से कहा किसी ने
क्या है दिल की तमन्ना |

मैं ना शर्माई, मैं ना हिचकिचाई |
मैं ना डरी, मैं ना घबराई |
बस कहा दिया सबसे
कोई है, जिसकी याद आई |

मंजिल मिली, रास्ता मिला
मिली जो दिल को उसकी खुशी |
पाया जब खुद को अकेला बेबस
जिन्दगी, तुम्हें सोचकर रो पड़ी |

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