लहरों की छाया है ये
तूफानी रात है!
कैसे-कैसे मिलते हैं
ना बनती कोई बात है!
कैसे ढूंढूं उसे मैं
कहाँ वो खो गयी!
क्यों नहीं मिलती मुझे
किसकी वो हो गयी!
कहना ये बस ये तुझे
बतला दे ये तू मुझे!
चाहती हो क्या मुझे
खोना नहीं चाहता तुझे!
तूफानी रात है!
कैसे-कैसे मिलते हैं
ना बनती कोई बात है!
कैसे ढूंढूं उसे मैं
कहाँ वो खो गयी!
क्यों नहीं मिलती मुझे
किसकी वो हो गयी!
कहना ये बस ये तुझे
बतला दे ये तू मुझे!
चाहती हो क्या मुझे
खोना नहीं चाहता तुझे!