रविवार, 26 सितंबर 2010

वक़्त

ये वक़्त कैसा है, जिसने किसी को नहीं बक्सा!
ये वक़्त ऐसा है, जिसने मुझे भी नहीं छोड़ा!

वक़्त की जितनी तकल्लुफ कीजिये, उतना ही नुकसान होता है!
ये वक़्त अगर आगे निकल जाए, तो पीछे कभी नहीं लौटता है!

वक़्त की खूबसूरती पर आप नहीं जाइये!
ये अन्दर से कुछ और, और बाहर से कुछ और दिखता है!