एक नया एहसास लेकर
मैं निकला हूँ
नए जीवन जीने की
छोर पकरने !
एक नई खुशी लेकर
मैं निकला हूँ
अपनी उदासी को
अलविदा कहने !
कुछ नए पल
जीने को मिले
ये सोचकर निकला हूँ
अपनी मंजिल ढूँढने !
दिल की उदासी दूर हो !
दिल को खुशी हो !
दिल में नया एहसास जगे !
दिल की प्यास बुझे !
ये सोचकर निकला हूँ
मैं अपनी खुशी ढूँढने !
1 टिप्पणी:
विवेक,
कविता का भाव अच्छा है लेकिन पंक्तियों को सही से सजाओ...जैसे...
"एक नया एहसास लेकर
मैं निकला हूँ
नए जीवन जीने की
छोर पकरने !"
को यूँ लिखो---
"एक नया एहसास लेकर
नए जीवन जीने की
मैं निकला हूँ
छोर पकरने!"
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