गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

भावुक मन

क्यूँ मेरा दिल
अब भी गुमशुम-सा है?
क्या चाहता है
जाने क्या माँगता है?
कैसे कहूँ, कैसे समझाऊँ
जो न पास है
फिर भी क्यूँ ये निराश है?
आज फिर उसी वक्त
ये दिल रूठ गया
कारण न कहा, लेकिन रूठा रहा |
मैं चल दिया अकेले
सुनसान रास्ते पर |
कारण वो ढूंढने
कि क्यों ऐसे है अब तक |
वो डरा, वो सहमा
वो संभला, फिर वो कहा
यादों ने रूला दिया
भूला ना सका उसे
जो था मेरे दिल का |

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