ज़िन्दगी एक दोस्त थी
दोस्त बनकर न रही!
ज़िन्दगी एक किताब थी
जिसकी मैंने केवल
एक-दो पन्ने पढ़ी!
ज़िन्दगी के इस खेल में
मैंने ऐसा किया
जिससे मेरी दुश्मनी हो गयी!
दोस्त बनकर न रही!
ज़िन्दगी एक किताब थी
जिसकी मैंने केवल
एक-दो पन्ने पढ़ी!
ज़िन्दगी के इस खेल में
मैंने ऐसा किया
जिससे मेरी दुश्मनी हो गयी!
1 टिप्पणी:
जिंदगी की किताब तो पढ़नी ही पढ़ेगी...एक-दो पन्ने पढ़ने से काम नहीं चलेगा....
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